Save your daughter – teach your daughter BETI BACHO BETI PADHO JABARDAST HINDI SPEECH.
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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ – ज़बरदस्त हिंदी भाषण
सम्माननीय अतिथिगण, आदरणीय अध्यापकगण, और प्रिय साथियों,
आज मैं एक ऐसे विषय पर बोलने जा रहा हूँ जो हमारे समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है – “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”। यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि हमारे देश के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक क्रांति है।
परिचय
हमारे समाज में बेटियों को हमेशा से संघर्ष करना पड़ा है। एक समय था जब उन्हें शिक्षा से वंचित रखा जाता था, उन्हें बोझ समझा जाता था और उन्हें उनके अधिकार नहीं दिए जाते थे। लेकिन अब समय बदल रहा है! आज बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और समाज के विकास में बराबरी से योगदान दे रही हैं।
बेटी बचाओ – क्यों ज़रूरी है?
आज भी कई हिस्सों में कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाएँ जारी हैं। यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अन्याय है।
- लिंगानुपात लगातार गिर रहा है, जिससे समाज में असंतुलन बढ़ रहा है।
- एक बेटी मां, बहन, पत्नी और बेटी के रूप में समाज की रीढ़ होती है।
- एक शिक्षित बेटी परिवार, समाज और देश का विकास करती है।
बेटी पढ़ाओ – शिक्षा ही असली शक्ति है
“अगर आप एक बेटे को शिक्षित करते हैं, तो सिर्फ एक व्यक्ति शिक्षित होता है, लेकिन जब आप एक बेटी को शिक्षित करते हैं, तो पूरी पीढ़ी शिक्षित होती है।”
- बेटियों की शिक्षा उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है।
- वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं।
- वे देश की प्रगति में योगदान देती हैं – चाहे वह विज्ञान हो, खेल हो, राजनीति हो या व्यवसाय।
हमारी ज़िम्मेदारी
- बेटियों को समान अवसर दें – पढ़ाई, करियर, और जीवन में आगे बढ़ने के लिए।
- कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाएँ – समाज में जागरूकता फैलाएँ।
- बेटियों को आत्मनिर्भर बनाएँ – उन्हें शिक्षा और सुरक्षा दोनों दें।
- लड़कों को भी शिक्षित करें – ताकि वे महिलाओं का सम्मान करना सीखें।
निष्कर्ष
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि हमारी सोच, संस्कार और संकल्प का हिस्सा होना चाहिए। आइए हम संकल्प लें कि हम बेटियों को आगे बढ़ने के हर मौके देंगे, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और समाज को एक नई दिशा दे सकें।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ – नया भारत, सशक्त भारत!”
धन्यवाद!
क्या आप इसे और विस्तारित या प्रभावशाली बनाना चाहेंगे?
Here is a powerful and emotional Hindi speech on the theme “Beti Bachao, Beti Padhao” – perfect for school functions, competitions, or social awareness campaigns:
ज़बरदस्त हिंदी भाषण: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सम्मानित शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों,
सुप्रभात! आज मैं आपके सामने एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर बोलने जा रही हूँ —
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।”
“बेटी” — एक वरदान, ना कि बोझ
हमारे समाज में बेटियाँ कभी लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती का रूप मानी जाती थीं।
लेकिन दुःख की बात है कि आज भी कुछ लोग बेटियों को कमज़ोरी समझते हैं।
क्या यही है हमारी सोच?
क्या बेटियाँ पढ़-लिखकर माँ-बाप का नाम रोशन नहीं कर सकतीं?
बेटी बचाओ क्यों ज़रूरी है?
-
भारत में कई जगहों पर लिंग अनुपात घट रहा है।
-
कन्या भ्रूण हत्या जैसी घिनौनी घटनाएँ आज भी होती हैं।
-
अगर बेटियाँ ही नहीं होंगी — तो ये दुनिया आगे कैसे बढ़ेगी?
बेटियाँ भी इंसान हैं, सपने रखती हैं, उड़ना चाहती हैं।
बेटी पढ़ाओ क्यों ज़रूरी है?
“अगर एक लड़के को पढ़ाओगे, तो एक व्यक्ति शिक्षित होगा;
लेकिन अगर एक लड़की को पढ़ाओगे, तो पूरा परिवार शिक्षित होगा।”
-
एक शिक्षित बेटी बन सकती है डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी या प्रधानमंत्री!
-
वो समाज की रीढ़ बन सकती है।
-
वो घर चलाती है, और देश भी।
बेटियों को मत रोको, उन्हें उड़ने दो
बेटियाँ सिर्फ बोझ नहीं, बल्कि सम्मान हैं।
उन्हें सिर्फ शादी के लिए नहीं, सपनों के लिए तैयार करो।
कल्पना चावला, पीवी सिंधु, मिताली राज, मेरी कॉम, सुधा मूर्ति — ये सब हमारी बेटियाँ हैं, जिन्होंने दुनिया में भारत का नाम रौशन किया।
अंत में कहना चाहूंगी:
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ — ये सिर्फ नारा नहीं,
ये भविष्य की तैयारी है।”
आइए संकल्प लें —
-
हम न केवल बेटियों को जन्म देंगे,
-
बल्कि उन्हें सम्मान, शिक्षा और सपनों का हक़ भी देंगे।
धन्यवाद!
जय हिन्द। जय भारत।
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