Part 06 – Discrete Mathematics in Hindi- Asymmetric Relation in easy language.

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असमान्य (Asymmetric) संबंध – सरल भाषा में समझें

परिचय:
Asymmetric Relation (असमान्य संबंध) गणितीय संबंधों (Relations) का एक प्रकार है, जिसमें यदि (a, b) संबंध में है, तो (b, a) संबंध में नहीं होगा।

असमान्य (Asymmetric) संबंध की परिभाषा

एक संबंध R को Asymmetric कहा जाता है यदि –

अगर (a, b) ∈ R है, तो (b, a) ∉ R होगा।

इसका अर्थ यह है कि अगर एक तत्व दूसरे से संबंधित है, तो दूसरा पहले से संबंधित नहीं हो सकता।

उदाहरण:

  1. “कम होना (<)” संबंध

    • यदि a < b है, तो b < a कभी नहीं हो सकता।
    • उदाहरण: 2 < 5 लेकिन 5 < 2 नहीं हो सकता।
    • इसलिए, “कम होना (<)” एक असमान्य संबंध है।
  2. “बड़े भाई-छोटे भाई का संबंध”

    • अगर राम श्याम का बड़ा भाई है, तो श्याम राम का बड़ा भाई नहीं हो सकता।
    • यह असमान्य संबंध को दर्शाता है।

असमान्य और अन्य संबंधों में अंतर:

संबंध परिभाषा उदाहरण
Reflexive (परावर्ती) हर तत्व खुद से संबंधित होता है (a, a) ∈ R
Symmetric (सममित) अगर (a, b) ∈ R, तो (b, a) भी ∈ R दोस्ती (Friendship)
Asymmetric (असमान्य) अगर (a, b) ∈ R, तो (b, a) ∉ R छोटा-बड़ा (<)
Anti-Symmetric (प्रतिसममित) अगर (a, b) और (b, a) दोनों ∈ R हैं, तो a = b होगा Subset (⊆)

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • सभी Asymmetric संबंध Anti-Symmetric होते हैं, लेकिन सभी Anti-Symmetric संबंध Asymmetric नहीं होते।
  • असमान्य संबंध में कोई भी तत्व खुद से संबंधित नहीं हो सकता

निष्कर्ष:

Asymmetric Relation का मतलब होता है कि अगर एक तत्व दूसरे से संबंधित है, तो दूसरा पहले से नहीं हो सकता। यह संबंध गणित, कंप्यूटर साइंस और तार्किक संरचना (Logical Structures) में बहुत उपयोगी होता है।

क्या आपको और उदाहरण या विस्तार में समझाना चाहिए?

Part 06 – Discrete Mathematics in Hindi- Asymmetric Relation in easy language.

Title Discrete Mathematics Author Prof. Abhay Saxena …

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