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part 05 – Discrete math for gate in Hindi – Concept of Premise, Conclusion and Argument

part 05 – Discrete math for gate in Hindi – Concept of Premise, Conclusion and Argument

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डिस्क्रीट मैथमेटिक्स में, प्रस्तावना (Premise), निष्कर्ष (Conclusion), और तर्क (Argument) महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं, जो तार्किक विश्लेषण और प्रमाणन में उपयोगी होती हैं।

प्रस्तावना (Premise):

प्रस्तावना वह कथन या कथन समूह है, जो किसी तर्क में आधार के रूप में उपयोग होता है। इन कथनों की सत्यता के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाता है।

उदाहरण: “यदि आज बारिश होगी, तो सड़क गीली होगी।”

निष्कर्ष (Conclusion):

निष्कर्ष वह कथन है, जो प्रस्तुत प्रस्तावनाओं के आधार पर निकाला जाता है। यदि सभी प्रस्तावनाएँ सत्य हैं, तो निष्कर्ष भी सत्य होगा।

उदाहरण: “आज बारिश हो रही है, इसलिए सड़क गीली है।”

तर्क (Argument):

तर्क प्रस्तावनाओं और निष्कर्ष का एक समूह है, जहाँ निष्कर्ष प्रस्तावनाओं से तार्किक रूप से निकाला जाता है।

उदाहरण:

  1. प्रस्तावना 1: “यदि आज बारिश होगी, तो सड़क गीली होगी।”
  2. प्रस्तावना 2: “आज बारिश हो रही है।”
  3. निष्कर्ष: “इसलिए, सड़क गीली है।”

यहाँ, निष्कर्ष प्रस्तावनाओं से तार्किक रूप से निकाला गया है, इसलिए यह एक वैध तर्क है।

तर्क की वैधता (Validity of Argument):

एक तर्क तब वैध माना जाता है, जब यदि सभी प्रस्तावनाएँ सत्य हैं, तो निष्कर्ष भी अनिवार्य रूप से सत्य होगा। यह तर्क की संरचना पर निर्भर करता है, न कि प्रस्तावनाओं या निष्कर्ष की वास्तविक सत्यता पर।

निष्कर्ष:

डिस्क्रीट मैथमेटिक्स में, तर्क, प्रस्तावना, और निष्कर्ष की समझ महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये गणितीय प्रमाण और तार्किक विश्लेषण के मूलभूत तत्व हैं। इनकी सही समझ से हम जटिल समस्याओं को सुलझाने और सटीक निष्कर्ष निकालने में सक्षम होते हैं।

अधिक जानकारी के लिए:

वीडियो संदर्भ:

यदि आप इस विषय पर हिंदी में वीडियो व्याख्यान देखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित वीडियो सहायक हो सकता है:

part 05 – Discrete math for gate in Hindi – Concept of Premise, Conclusion and Argument

Discrete Mathematics and Its Applications, Eighth Edition

DIGITAL NOTES ON Discrete Mathematics B.TECH II YEAR