Motivational/Moral story Panchatantra Ki Kahaniya Hindi Kahaniya Dadi Maa Ki Kahaniya.
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पंचतंत्र की प्रेरणादायक / नैतिक कहानी – “मूर्ख मित्र से समझदार दुश्मन अच्छा”
कहानी का शीर्षक: मूर्ख मित्र से समझदार दुश्मन अच्छा
बहुत समय पहले की बात है। एक जंगल में एक बंदर और एक राजा हाथी रहते थे। बंदर बहुत चतुर था, और हाथी शक्तिशाली, लेकिन उनके पास एक समस्या थी—राजा हाथी का सेवक, एक बंदर, बहुत मूर्ख था।
राजा हाथी ने मूर्ख बंदर को अपना सेवक बना लिया क्योंकि वह उसका बहुत वफादार था। लेकिन सेवक की मूर्खता के कारण कई बार परेशानी भी हो जाती थी।
एक दिन की घटना…
एक दिन राजा हाथी गहरी नींद में था। उसका मूर्ख सेवक बंदर वहीं पास में बैठा था और उसकी रक्षा कर रहा था। तभी एक मक्खी राजा हाथी की सूंड पर बैठ गई।
मूर्ख बंदर को यह पसंद नहीं आया। उसने मक्खी को भगाने के लिए हाथ हिलाया, लेकिन मक्खी उड़ गई और थोड़ी देर बाद फिर से राजा हाथी की सूंड पर बैठ गई।
अब बंदर को गुस्सा आ गया। उसने सोचा, “इस मक्खी को हमेशा के लिए मार देना चाहिए!”
मूर्खता का भयानक परिणाम
बंदर ने पास में रखा एक बड़ा पत्थर उठाया और पूरी ताकत से मक्खी पर मार दिया। मक्खी तो उड़ गई, लेकिन पत्थर सीधा राजा हाथी की सूंड पर लगा।
राजा हाथी की सूंड बुरी तरह से घायल हो गई और उसे भयंकर दर्द हुआ। जब उसे पता चला कि उसका सेवक बंदर ने ही यह किया है, तो उसने गुस्से में कहा,
“मूर्ख मित्र से तो समझदार दुश्मन ही अच्छा होता है!”
इसके बाद राजा हाथी ने मूर्ख बंदर को अपने महल से निकाल दिया।
नैतिक शिक्षा (Moral of the Story)
“मूर्ख मित्र से समझदार दुश्मन अच्छा होता है।”
हमेशा बुद्धिमान और समझदार लोगों की संगति करनी चाहिए।
सोच-समझकर निर्णय लेना बहुत जरूरी है, वरना बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
प्रेरणा लें और आगे बढ़ें!
यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा दोस्त वही होता है जो बुद्धिमान हो और आपकी भलाई के लिए सही निर्णय ले।
क्या आपको यह कहानी पसंद आई? और पंचतंत्र की कहानियाँ चाहिए? बताइए!