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Motivational/Jeevan me Paropkar ka Mahatva Motivational Story.

Motivational/Jeevan me Paropkar ka Mahatva Motivational Story.

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परोपकार, अर्थात् दूसरों की निःस्वार्थ सहायता करना, मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण गुण है जो समाज में प्रेम, सद्भावना और एकता को बढ़ावा देता है। यह न केवल दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है, बल्कि स्वयं के जीवन को भी संतोष और आनंद से भर देता है।

परोपकार का महत्व:

प्रकृति में परोपकार के अनेक उदाहरण मिलते हैं। सूर्य अपनी किरणों से सबको प्रकाश देता है, बादल वर्षा करके पृथ्वी को हरा-भरा बनाते हैं, और वृक्ष बिना किसी स्वार्थ के फल और छाया प्रदान करते हैं। इसी प्रकार, मनुष्य का कर्तव्य है कि वह अपने समाज और आस-पास के लोगों के प्रति परोपकार की भावना रखे। परोपकार से न केवल समाज का कल्याण होता है, बल्कि यह व्यक्ति के व्यक्तित्व का भी विकास करता है। यह प्रेम, करुणा और भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करता है, जिससे समाज में शांति और समृद्धि स्थापित होती है।

प्रेरक कहानी:

एक बार की बात है, एक वृद्ध व्यक्ति अकेले ही एक कुआँ खोद रहा था। उसकी उम्र के कारण, यह कार्य उसके लिए अत्यंत कठिन था, फिर भी वह निरंतर प्रयासरत था। उसी समय, महान संत कंफ्यूशियस वहाँ से गुजर रहे थे। उन्होंने वृद्ध से पूछा, “आप अपनी अंतिम अवस्था में यह कठिन कार्य क्यों कर रहे हैं?” वृद्ध ने उत्तर दिया, “मैं जानता हूँ कि मेरी मृत्यु निकट है, लेकिन यह कुआँ भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल का स्रोत बनेगा। यह मेरा अंतिम परोपकार होगा।” यह सुनकर कंफ्यूशियस ने अपने शिष्यों से कहा, “यह व्यक्ति देवताओं से भी महान है, क्योंकि यह निःस्वार्थ भाव से दूसरों के लिए कार्य कर रहा है।”

निष्कर्ष:

परोपकार की भावना हमें स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज और मानवता के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। यह न केवल दूसरों के जीवन में खुशियाँ लाता है, बल्कि हमारे भीतर आत्मसंतोष और मानसिक शांति का संचार भी करता है। अतः, हमें अपने जीवन में परोपकार को अपनाना चाहिए और इसे अपनी दैनिक गतिविधियों का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए।

Motivational/Jeevan me Paropkar ka Mahatva Motivational Story.

शिक्षाप्रद कहानियाँ

यहाँ एक प्रेरणादायक कहानी (Motivational Story) दी गई है जो जीवन में परोपकार (Selflessness/Helping Others) के महत्व को सरल भाषा में समझाती है:


जीवन में परोपकार का महत्व – एक प्रेरणादायक कहानी

कहानी का नाम: “एक कटोरी खिचड़ी”

एक गांव में रामू नाम का एक गरीब किसान रहता था। उसका घर मिट्टी का था, कपड़े साधारण और आमदनी बहुत कम। फिर भी वह हर दिन एक कटोरी खिचड़ी बना कर मंदिर के बाहर किसी भूखे को खिला देता था।

एक दिन उसके गांव में भारी बारिश आई। फसलें बर्बाद हो गईं। रामू के पास खाने को कुछ नहीं बचा।

भूखा-प्यासा वह मंदिर गया और भगवान से बोला:

“हे प्रभु, मैंने तो हर दिन किसी भूखे को खाना खिलाया है, आज मेरे पास खुद कुछ नहीं है… क्या आपने मेरी परोपकार की कीमत नहीं देखी?”

तभी एक अजनबी वृद्ध व्यक्ति वहाँ आया और बोला:

“बेटा, मैं कई बार तेरी दी हुई खिचड़ी से पेट भरता था। आज तेरी मदद करने की बारी मेरी है।”

वह वृद्ध व्यक्ति उसे अपने घर ले गया, उसे खाना खिलाया और कुछ पैसे भी दिए ताकि रामू अपना खेत फिर से शुरू कर सके।

रामू समझ गया:

“जो हम दूसरों के लिए करते हैं, वही एक दिन किसी और रूप में हमारे पास लौट कर आता है।”


Moral / सीख:

परोपकार का बीज कभी व्यर्थ नहीं जाता।
जब आप किसी को बिना स्वार्थ मदद करते हैं, तो ईश्वर किसी न किसी रूप में आपकी मदद जरूर करते हैं।


प्रेरणात्मक संदेश:


यदि आप चाहें:

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