#1 जीवनी

चार्ल्स डार्विन जीवनी – Biography of Charles Darwin in Hindi

चार्ल्स डार्विन

जन्म-12 फरवरी, 1809

निधन-19 अप्रैल, 1882

खास बात : डार्विन ने पहले पहल मनुष्य के क्रमिक विकास का सिद्धांत प्रस्तुत किया। डार्विनवाद के अनुसार जीवों की उत्पत्ति एक कोशीय सरल प्राणी से हुई है। जीवों को अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ता है तथा स्वयंवरा प्रकृति श्रेष्ठ का चयन करती है।

चार्ल्स डार्विन का जन्म इंग्लैंड में श्रयूजबेरी में प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। पितामह इरैज्मस और पिता राबर्ट संपन्न चिकित्सक थे। तीन सौ पौंड के थुल-थुल पिता के साथ बालक चार्ल्स मरीजों को देखने जाता और उसके बताए लक्षणों के आधार पर पिता नुस्खे लिख देते। एडिनबरा में डॉक्टरी के असफल अध्ययन के बाद परिजनों ने उसे इज्जतदार धर्म प्रचारक बनाने के प्रयोजन से कैंब्रिज भेजा, मगर चार्ल्स ने वहां धर्मशिक्षा के बजाय खटमलों और कीडों की खोज में ज्यादा वक्त लगाया। कैंब्रिज में वनस्पति के परिचित अध्यापक जॉन हेलन स्लो ने जलपोत एचएमएस बीगल के कप्तान फिट्जराय के नाम खत लिख दिया। बड़ी मिन्नतों के बाद चार्ल्स को ‘बीगल’ पर संसार की यात्रा की अनुमति मिली। पांच वर्ष की इस समुद्री यात्रा में चार्ल्स ने जमकर अध्ययन किया। उसने ढेरों विलुप्त जीवों के अवशेष व जीवित जीव एकत्र किए। गालापागोस द्वीप समूह पर उसने प्रवालों-कोरलों-कछुओं, इगनाओं का अध्ययन किया। दक्षिण अमेरिका से करीब 500 मील पश्चिम में इस द्वीपसमूह में डार्विन ने जीवाश्मों का भी अध्ययन किया और सरीसृपों का भी। बीगल की यात्रा ने विकासवाद की उनकी थ्योरी में अहम और कीमती भूमिका निभाई। यात्रा से लौटने पर डार्विन इंग्लैंड में रुके और अनुभवों को लिपिबद्ध किया। सन् 1839 में उन्होंने एम्मा वेजवुड नामक · धनाढ्य महिला से शादी कर ली। 1858 में प्रकृतिविज्ञानी अल्फ्रेड रसेल वैलेस के साथ संयुक्त शोधपत्र प्रकाशित करने के बाद डार्विन की पुस्तक ‘द. ओरीजन ऑफ स्प्सिीज बाई नेचुरल सिलेक्शन’ (1859) क्या छपी डार्विन के नाम की चारों ओर धूम मच गई। बंदर को मनुष्य का पूर्वज बताने से धर्माचार्यों व रूढ़िवादियों ने हायतौबा की, मगर डार्विन किताब-दर-किताब से अपनी मान्यताओं को दढतापर्वक बढाते रहे। डार्विन को वेस्टमिनिस्टर ऐब्बे में न्यटन के समीप ही दफनाया गया। डार्विनवाद इस नाते क्रांतिकारी विचार है कि उसने भिन्न-भिन्न जीवों की भिन्न-भिन्न उत्पत्ति के परंपरागत सिद्धांत का खंडन किया और कहा कि सभी जीव-जंतु सरलतम अमीबा से विकसित हुए हैं।