Day 01Part 05-Operating system lecture in Hindi – Concept of main memory and it’s operation performed
Contents
- 1 ऑपरेटिंग सिस्टम – मुख्य मेमोरी (Main Memory) और इसके ऑपरेशन्स
- 2 1. मुख्य मेमोरी (Main Memory) क्या है?
- 3 2. मुख्य मेमोरी के प्रकार (Types of Main Memory)
- 4 3. मुख्य मेमोरी पर किए जाने वाले ऑपरेशन (Operations Performed on Main Memory)
- 5 4. मुख्य मेमोरी और कैश मेमोरी में अंतर
- 6 5. मुख्य मेमोरी मैनेजमेंट की तकनीकें (Main Memory Management Techniques)
- 7 निष्कर्ष (Conclusion)
- 8 Day 01Part 05-Operating system lecture in Hindi – Concept of main memory and it’s operation performed
ऑपरेटिंग सिस्टम – मुख्य मेमोरी (Main Memory) और इसके ऑपरेशन्स
(Operating System Lecture in Hindi – Day 01 Part 05)
1. मुख्य मेमोरी (Main Memory) क्या है?
मुख्य मेमोरी, जिसे RAM (Random Access Memory) भी कहते हैं, कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी होती है। यह CPU द्वारा सीधे एक्सेस की जाने वाली तेज़ और अस्थायी स्टोरेज मेमोरी होती है।
यह अस्थायी (Volatile) होती है, यानी पावर बंद होते ही डेटा मिट जाता है।
इसमें स्टोर डेटा को CPU जल्दी एक्सेस कर सकता है।
यह सीधे प्रोसेसर से कनेक्ट होती है और कंप्यूटर के तेज़ी से काम करने में मदद करती है।
2. मुख्य मेमोरी के प्रकार (Types of Main Memory)
मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
RAM (Random Access Memory) – अस्थायी होती है, इसे प्राइमरी मेमोरी भी कहते हैं।
ROM (Read-Only Memory) – स्थायी (Non-Volatile) होती है, इसे बूटिंग प्रक्रिया के लिए उपयोग किया जाता है।
RAM के प्रकार:
- SRAM (Static RAM): तेज़ और महंगी होती है, कैश मेमोरी में उपयोग होती है।
- DRAM (Dynamic RAM): धीमी और सस्ती होती है, कंप्यूटर की मुख्य RAM में उपयोग होती है।
3. मुख्य मेमोरी पर किए जाने वाले ऑपरेशन (Operations Performed on Main Memory)
1. लोडिंग (Loading):
- जब कोई प्रोग्राम चलाया जाता है, तो उसे RAM में लोड किया जाता है।
- ऑपरेटिंग सिस्टम इसे RAM में लाता है ताकि CPU इसे एक्सेस कर सके।
2. रीड (Read):
- CPU मुख्य मेमोरी से डेटा पढ़कर प्रोसेस करता है।
- तेज़ एक्सेस के लिए डेटा को कैश मेमोरी में रखा जाता है।
3. राइट (Write):
- जब प्रोसेसर नया डेटा बनाता है, तो वह इसे मेमोरी में लिखता (Store) है।
- अगर कंप्यूटर बंद हो जाता है, तो RAM का डेटा मिट जाता है।
4. एलोकेशन (Memory Allocation):
- प्रोग्राम को RAM में एक स्पेस असाइन किया जाता है।
- स्टैटिक एलोकेशन: पहले से तय की गई मेमोरी।
- डायनामिक एलोकेशन: रनटाइम पर मेमोरी दी जाती है।
5. डी-अलोकेशन (Deallocation):
- जब कोई प्रोग्राम खत्म हो जाता है, तो उसकी मेमोरी फ्री कर दी जाती है।
- इससे दूसरी प्रोसेस को मेमोरी मिलती है।
6. स्वैपिंग (Swapping):
- जब RAM में जगह नहीं होती, तो कुछ डेटा हार्ड डिस्क में स्वैप किया जाता है और बाद में वापस लाया जाता है।
4. मुख्य मेमोरी और कैश मेमोरी में अंतर
मुख्य मेमोरी (RAM) | कैश मेमोरी |
---|---|
CPU के लिए प्राथमिक मेमोरी | CPU के बहुत करीब होती है |
बड़ी और सस्ती होती है | छोटी लेकिन महंगी होती है |
DRAM और SRAM के रूप में होती है | केवल SRAM होती है |
स्पीड मध्यम होती है | स्पीड बहुत तेज़ होती है |
5. मुख्य मेमोरी मैनेजमेंट की तकनीकें (Main Memory Management Techniques)
Paging: फिक्स साइज के ब्लॉक्स (Pages) में मेमोरी विभाजित होती है।
Segmentation: लॉजिकल सेगमेंट्स में मेमोरी विभाजित होती है।
Virtual Memory: अगर RAM कम हो, तो हार्ड डिस्क का उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
मुख्य मेमोरी CPU और स्टोरेज डिवाइसेस के बीच एक तेज़ और अस्थायी मेमोरी होती है।
इसमें लोडिंग, रीड, राइट, एलोकेशन, डी-अलोकेशन और स्वैपिंग ऑपरेशन होते हैं।
कैश मेमोरी RAM से तेज़ होती है, लेकिन छोटी और महंगी होती है।
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