Clearing and Settlement Process in Hindi And also understand T1,T2,T3 payment clearing and settlement..

Clearing and Settlement Process in Hindi And also understand T1,T2,T3 payment clearing and settlement.

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क्लियरिंग और सेटलमेंट प्रक्रिया (Clearing and Settlement Process in Hindi)

जब कोई निवेशक शेयर बाजार में ट्रेड करता है, तो खरीद या बिक्री के आदेश के बाद Clearing और Settlement की प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि खरीदे गए शेयर निवेशक के खाते में आएं और बेचे गए शेयर खरीदार को स्थानांतरित किए जाएं।



 क्लियरिंग और सेटलमेंट प्रक्रिया के चरण

1️⃣ ट्रेडिंग (Trading)

  • निवेशक एक्सचेंज (NSE/BSE) पर शेयर खरीदते या बेचते हैं।
  • यह ऑर्डर एक ब्रोकर के माध्यम से दिया जाता है।

2️⃣ क्लियरिंग (Clearing)

  • क्लियरिंग हाउस (Clearing Corporation) यह जाँच करता है कि खरीदार के पास पर्याप्त धनराशि और विक्रेता के पास आवश्यक शेयर हैं या नहीं।
  • इसमें क्लियरिंग एजेंट्स और डिपॉजिटरी (NSDL/CDSL) शामिल होते हैं।

3️⃣ सेटलमेंट (Settlement)

  • तय दिन (T+1, T+2, T+3) को शेयर खरीदार के डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर होते हैं और विक्रेता को पैसे मिलते हैं।
  • भारतीय बाजार में सेटलमेंट प्रक्रिया T+1 या T+2 सेटलमेंट साइकिल पर आधारित होती है।

 T+1, T+2, T+3 सेटलमेंट क्या होता है?

T = ट्रेडिंग डे (Trading Day), जिस दिन शेयर खरीदा/बेचा गया।
T+1, T+2, T+3 = शेयर और पैसों का सेटलमेंट कितने दिनों बाद होगा।

 T+1 Settlement (नया सिस्टम – 2025 से लागू)

  • यदि कोई ट्रेड सोमवार (T Day) को होता है, तो मंगलवार (T+1) को शेयर और पैसे सेटल हो जाते हैं।
  • निवेशकों को जल्दी शेयर मिल जाते हैं और लिक्विडिटी बढ़ती है।

 T+2 Settlement (पुराना सिस्टम)

  • पहले भारतीय बाजार में यह नियम था कि ट्रेड के 2 दिन बाद सेटलमेंट होता था।
  • उदाहरण: सोमवार को ट्रेड हुआ, तो बुधवार को सेटलमेंट होगा।

 T+3 Settlement (पुराना नियम – अब नहीं प्रचलित)

  • पहले सेटलमेंट में 3 दिन लगते थे, लेकिन इसे निवेशकों के लिए तेज़ और आसान बनाने के लिए खत्म कर दिया गया।

 भारतीय शेयर बाजार में कौन से क्लियरिंग एजेंट हैं?

1️⃣ NSCCL (National Securities Clearing Corporation Ltd.) – NSE के लिए।
2️⃣ ICCL (Indian Clearing Corporation Ltd.) – BSE के लिए।

 सेटलमेंट प्रोसेस को समझने का आसान उदाहरण

पने सोमवार को 10 शेयर खरीदे @ ₹100 प्रति शेयर।
आपका कुल खर्च: ₹1,000
T+1 सेटलमेंट: मंगलवार को आपके डीमैट खाते में शेयर आ जाएंगे और विक्रेता को पैसे मिल जाएंगे।

 निष्कर्ष

T+1 सेटलमेंट से निवेशकों को जल्दी शेयर और पैसे मिलते हैं।
Clearing House (NSCCL, ICCL) सही और सुरक्षित सेटलमेंट सुनिश्चित करता है।
 डिजिटल ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ने इस प्रक्रिया को आसान बना दिया है।

 अब आप भी स्मार्ट ट्रेडिंग कर सकते हैं, क्योंकि आपको सेटलमेंट प्रक्रिया समझ आ गई है!



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