C programming Tutorial in Hindi – Basic concept of Programming
Contents
- 1 C प्रोग्रामिंग ट्यूटोरियल हिंदी में – प्रोग्रामिंग की मूलभूत अवधारणाएं
- 2 1. प्रोग्रामिंग क्या है?
- 3 2. C भाषा का परिचय
- 4 C भाषा की विशेषताएँ:
- 5 3. पहला C प्रोग्राम
- 6 कोड का विवरण:
- 7 4. C प्रोग्रामिंग की मूलभूत अवधारणाएँ
- 8 (a) वेरिएबल (Variables)
- 9 (b) डेटा टाइप्स (Data Types)
- 10 (c) ऑपरेटर्स (Operators)
- 11 5. C प्रोग्राम की संरचना (Structure of C Program)
- 12 6. इनपुट और आउटपुट (Input & Output in C)
- 13 7. निर्णय नियंत्रण (Decision Control Statements)
- 14 (a) if-else Statement:
- 15 (b) Switch Statement:
- 16 निष्कर्ष (Conclusion)
- 17 C programming Tutorial in Hindi – Basic concept of Programming
- 18 Programming in ‘C’ Introduction to the C Language
- 19 C PROGRAMMING
C प्रोग्रामिंग ट्यूटोरियल हिंदी में – प्रोग्रामिंग की मूलभूत अवधारणाएं
C प्रोग्रामिंग एक शक्तिशाली और लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका उपयोग सिस्टम प्रोग्रामिंग, एंबेडेड सिस्टम, गेम डेवलपमेंट, और कई अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।
1. प्रोग्रामिंग क्या है?
प्रोग्रामिंग का अर्थ है कंप्यूटर को निर्देश देना ताकि वह कोई विशेष कार्य कर सके। ये निर्देश एक विशेष भाषा में लिखे जाते हैं जिसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहा जाता है।
2. C भाषा का परिचय
C एक General-Purpose, Procedural, Structured, और Mid-Level प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसे Dennis Ritchie ने 1972 में विकसित किया था। यह कई आधुनिक भाषाओं की आधारशिला मानी जाती है।
C भाषा की विशेषताएँ:
सरल और तेज़: C भाषा सरल है और उच्च गति से काम करती है।
मशीन इंडिपेंडेंट: C प्रोग्राम को विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर आसानी से चलाया जा सकता है।
मेमोरी मैनेजमेंट: डायनामिक मेमोरी अलोकेशन संभव है।
मॉड्यूलर प्रोग्रामिंग: बड़े प्रोग्राम को छोटे-छोटे भागों (फंक्शन्स) में विभाजित किया जा सकता है।
3. पहला C प्रोग्राम
सबसे पहले, हम एक “Hello, World!” प्रोग्राम लिखेंगे:
कोड का विवरण:
#include <stdio.h>
→ यह एक हेडर फाइल है जो input-output functions के लिए आवश्यक होती है।main()
→ यह मुख्य फ़ंक्शन है, जिससे प्रोग्राम की शुरुआत होती है।printf("Hello, World!\n");
→ यह “Hello, World!” को स्क्रीन पर प्रिंट करता है।return 0;
→ यह ऑपरेटिंग सिस्टम को संकेत देता है कि प्रोग्राम सफलतापूर्वक समाप्त हो गया।
4. C प्रोग्रामिंग की मूलभूत अवधारणाएँ
(a) वेरिएबल (Variables)
वेरिएबल एक मेमोरी लोकेशन का नाम होता है, जिसका उपयोग डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता है।
Example:
(b) डेटा टाइप्स (Data Types)
C भाषा में विभिन्न प्रकार के डेटा टाइप होते हैं:
डेटा टाइप | साइज़ | उदाहरण |
---|---|---|
int |
4 बाइट | 10, 200, -5 |
float |
4 बाइट | 3.14, 2.5 |
double |
8 बाइट | 3.1415926535 |
char |
1 बाइट | ‘A’, ‘B’ |
(c) ऑपरेटर्स (Operators)
C में विभिन्न प्रकार के ऑपरेटर्स होते हैं:
- Arithmetic Operators:
+
,-
,*
,/
,%
- Relational Operators:
==
,!=
,>
,<
,>=
,<=
- Logical Operators:
&&
,||
,!
- Assignment Operators:
=
,+=
,-=
,*=
,/=
- Bitwise Operators:
&
,|
,^
,~
,<<
,>>
Example:
5. C प्रोग्राम की संरचना (Structure of C Program)
C प्रोग्राम मुख्य रूप से निम्नलिखित भागों में बँटा होता है:
- Preprocessor Directive (
#include <stdio.h>
) - Main Function (
int main()
) - Variable Declaration
- Statements and Expressions
- Return Statement (
return 0;
)
6. इनपुट और आउटपुट (Input & Output in C)
C में हम scanf()
का उपयोग करके इनपुट लेते हैं और printf()
का उपयोग करके आउटपुट प्रिंट करते हैं।
Example:
Explanation:scanf("%d", &age);
→ %d
का उपयोग integer को लेने के लिए किया जाता है।&age
→ &
(Address-of Operator) वेरिएबल की मेमोरी लोकेशन को इंगित करता है।
7. निर्णय नियंत्रण (Decision Control Statements)
प्रोग्रामिंग में निर्णय लेने के लिए if
, if-else
, switch
का उपयोग किया जाता है।
(a) if-else Statement:
Example:
(b) Switch Statement:
Example:
निष्कर्ष (Conclusion)
- C प्रोग्रामिंग की मूल बातें सीखना आसान है।
- इसमें वेरिएबल, डेटा टाइप, ऑपरेटर्स, इनपुट-आउटपुट, निर्णय लेने वाले स्टेटमेंट्स का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है।
- यह भाषा सिस्टम प्रोग्रामिंग और एंबेडेड सिस्टम के लिए बहुत उपयोगी है।
अगर आप और अधिक सीखना चाहते हैं, तो लूप्स (Loops), फंक्शन्स (Functions), एरेज़ (Arrays), पॉइंटर्स (Pointers) जैसे टॉपिक्स पर भी चर्चा कर सकते हैं।